भारत ने हाल ही में बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट की शुरुआत की है, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह पहल पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 के तहत शुरू हुई और
इस लेख में हम आपको बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट की विशेषताओं, फायदों, आवेदन प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे।
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट क्या है?
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट एक इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट है जिसमें RFID चिप और एंटीना एम्बेडेड होती है। यह चिप पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी (नाम, जन्म तिथि, पासपोर्ट नंबर) और बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, चेहरे की तस्वीर) को सुरक्षित रूप से स्टोर करती है। यह अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों पर आधारित है और वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य है।
पासपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
- उन्नत सुरक्षा: RFID चिप में डेटा को पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI) तकनीक के साथ एन्क्रिप्ट किया जाता है, जिससे डेटा चोरी, जालसाजी या दुरुपयोग की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।
- बायोमेट्रिक डेटा: इसमें फिंगरप्रिंट, चेहरे की तस्वीर और अन्य बायोमेट्रिक जानकारी शामिल होती है, जो पहचान सत्यापन को और सटीक बनाती है।
- संपर्क रहित सत्यापन: ई-पासपोर्ट स्वचालित ई-गेट्स के माध्यम से तेजी से सत्यापन की सुविधा देता है, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया में समय की बचत होती है।
- वैश्विक स्वीकार्यता: 120 से अधिक देश, जैसे अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया, पहले से ही बायोमेट्रिक पासपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं। भारत अब इस सूची में शामिल हो गया है।
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट के फायदे
- सुरक्षा में वृद्धि: चिप में संग्रहीत डेटा को हैक करना या बदलना लगभग असंभव है, जिससे पासपोर्ट की जालसाजी और पहचान की चोरी का खतरा कम होता है।
- तेज इमिग्रेशन प्रक्रिया: स्वचालित ई-गेट्स और संपर्क रहित सत्यापन से हवाई अड्डों पर कतारें कम होती हैं और यात्रा सुगम होती है।
- वैश्विक मानकों के अनुरूप: यह भारत को आधुनिक और सुरक्षित यात्रा प्रणालियों के साथ जोड़ता है।
- डेटा की अखंडता: यह सुनिश्चित करता है कि पासपोर्ट धारक की जानकारी सुरक्षित और सटीक रहे।
किन शहरों में उपलब्ध है?
वर्तमान में, बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट निम्नलिखित 13 शहरों में जारी किए जा रहे हैं:
- नागपुर
- भुवनेश्वर
- जम्मू
- गोवा
- शिमला
- रायपुर
- अमृतसर
- जयपुर
- चेन्नई
- हैदराबाद
- सूरत
- रांची
- नई दिल्ली
चेन्नई में 3 मार्च 2025 से ई-पासपोर्ट शुरू हुए, और तमिलनाडु में अब तक 20,700+ पासपोर्ट जारी हो चुके हैं। सरकार का लक्ष्य मध्य-2025 तक इसे पूरे देश में लागू करना है।
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट के फायदे
- बढ़ी हुई सुरक्षा: डेटा चोरी और जालसाजी से पूर्ण सुरक्षा।
- तेज प्रक्रिया: ई-गेट्स के साथ इमिग्रेशन में समय की बचत।
- वैश्विक मानक: भारत को आधुनिक यात्रा प्रणालियों से जोड़ता है।
- यात्री सुविधा: संपर्क रहित और त्वरित सत्यापन।
आवेदन प्रक्रिया
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है:
- ऑनलाइन आवेदन: पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर रजिस्टर करें।
- शुल्क भुगतान: ऑनलाइन शुल्क जमा करें।
- अपॉइंटमेंट: नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) में समय बुक करें।
- दस्तावेज और बायोमेट्रिक्स: आधार, जन्म प्रमाण पत्र (1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे लोगों के लिए) और बायोमेट्रिक डेटा जमा करें।
- वितरण: पासपोर्ट डाक द्वारा प्राप्त करें।
क्या मौजूदा पासपोर्ट बदलना जरूरी है?
नहीं, मौजूदा वैध पासपोर्ट अपनी वैधता तक उपयोग किए जा सकते हैं। हालांकि, बेहतर सुरक्षा के लिए आप स्वेच्छा से ई-पासपोर्ट ले सकते हैं।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
- राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार।
- आधुनिक और स्मार्ट यात्रा प्रणाली।
- यात्रियों के लिए समय और सुविधा की बचत।
- वैश्विक तकनीकी मानकों के साथ तालमेल।
आने वाला भविष्य
भारत सरकार का लक्ष्य मध्य-2025 तक पूरे देश में ई-पासपोर्ट की सुविधा को लागू करना है। इसके लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों को आधुनिक बायोमेट्रिक सिस्टम और डिजिटल बुनियादी ढांचे से लैस किया जा रहा है। भविष्य में, कागजी दस्तावेजों को पूरी तरह से खत्म कर संपर्क रहित और बुद्धिमान यात्रा प्रणाली की ओर बढ़ने की संभावना है।
निष्कर्ष
बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाता है। यदि आप अंतरराष्ट्रीय यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस आधुनिक पासपोर्ट के लिए आज ही आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए पासपोर्ट सेवा वेबसाइट पर जाएं।
सुरक्षित और स्मार्ट यात्रा की शुरुआत करें!