सरहद के पार भी दिलों को छू गया पाकिस्तानी ड्रामा ‘मन मस्त मलंग’पाकिस्तानी ड्रामा “मन मस्त मलंग” ने अपनी दिल छू लेने वाली कहानी और दमदार अदाकारी से भारतीय दर्शकों के बीच भी गहरी छाप छोड़ी है। इस शो को नूरान मखदूम ने लिखा है और निर्देशन किया है अली फैज़ान ने। मुख्य भूमिका में हैं दानिश तैमूर (कबीर खान) और सहर हाशमी (रिया असघर अली)।शो की कहानी तब मोड़ लेती है जब कबीर खान की गलती से रिया की मां की मृत्यु हो जाती है — और यहीं से दो परिवारों के बीच तनाव शुरू होता है।

एक कहानी जो सिर्फ परदे पर नहीं, दिलों में चलती थी

  • लेखन: नूरान मखदूम की लेखनी में वो संवेदना थी जो सीधे दिल को छूती है।
  • निर्देशन: अली फैज़ान ने इस कथा को संवेदनशीलता और सच्चाई के साथ परदे पर उतारा।
  • कलाकार: दानिश तैमूर और सहर हाशमी ने दर्द, प्रेम और पछतावे को जिस बारीकी से निभाया, वह असाधारण था।

जब ड्रामा दिलों से जुड़ जाए, लेकिन स्क्रीन से दूर हो जाए

हाल ही में पाकिस्तानी टीवी ड्रामा मन मस्त मलंग” को भारत में बैन कर दिया गया है, जिससे  कुछ भारतीय फैंस बेहद दुखी हैं। यह सिर्फ एक सीरियल नहीं था — यह लोगों की भावनाओं, इंतजार, और जुड़ाव का हिस्सा बन चुका था।

  • “हमारा क्या कसूर?”, “प्लीज़ इंडिया में दिखाइए ये शो” — सोशल मीडिया पर फैंस के ऐसे कमेंट्स ने यह साफ कर दिया है कि इस प्रतिबंध ने उन्हें भावनात्मक रूप से भी प्रभावित किया है

राष्ट्रहित भी ज़रूरी है — यही तो लोकतंत्र है

यह भी सच है कि भारत सरकार द्वारा कुछ विदेशी कंटेंट पर रोक लगाना राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक शांति या संवेदनशील मुद्दों के तहत जरूरी हो सकता है।

हर देश को यह अधिकार है कि वह अपने नागरिकों के लिए क्या उपयुक्त है, इसका फैसला करे।
और जब बात सीमाओं के पार संबंधों की हो, तो यह और भी संवेदनशील हो जाता है।

इसलिए, सरकार की नीति पर नाराज़गी से पहले हमें यह समझना चाहिए कि कभी-कभी कुछ फैसले जनहित और राष्ट्रहित के लिए भी होते हैं।

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