चेयरमैन पॉल एटकिंस की SEC क्रिप्टो नियम 2025 के लिए तीन-स्तरीय क्रांति

SEC क्रिप्टो नियम 2025 के तहत चेयरमैन पॉल एटकिंस ने टोकन, कस्टडी और ट्रेडिंग में तीन बड़े बदलाव किए। जानें क्रिप्टो निवेश के नए नियम। था। SEC (Securities and Exchange Commission) के पूर्व चेयरमैन गैरी गेंसलर ने अपने कार्यकाल में अनेक क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स पर मुकदमे दायर किए, जिससे कई इनोवेटिव स्टार्टअप्स अमेरिका छोड़कर दूसरे देशों की ओर पलायन करने लगे। लेकिन अब जब पॉल एटकिंस ने SEC की कमान संभाली है, तब क्रिप्टो इंडस्ट्री को एक नई आशा की किरण दिखाई दे रही है।

SEC का नया चेहरा: कौन हैं पॉल एटकिंस? जिसने SEC क्रिप्टो नियम 2025 बनाए

पॉल एटकिंस एक अनुभवी वित्तीय नीति निर्माता हैं, जो लंबे समय से टेक्नोलॉजी और नवाचार का समर्थन करते आए हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अब SEC क्रिप्टो उद्योग को अपराधियों की तरह नहीं देखेगा, बल्कि पारदर्शिता, नियमों की स्पष्टता और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।

उन्होंने कहा “अब SEC की नीतियाँ अचानक की गई कार्रवाई से नहीं, बल्कि ठोस नियमों और संवाद से तय होंगी”।

SEC क्रिप्टो नियम 2025

पॉल एटकिंस ने SEC की क्रिप्टो नीति को तीन प्रमुख क्षेत्रों में बांटा है

  1. टोकन जारी करना (Issuance of Crypto Assets)

क्रिप्टो टोकन जारी करने की प्रक्रिया अब तक अस्पष्ट रही है। गैरी गेंसलर का मानना था कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी “सिक्योरिटीज” के
अंतर्गत आती हैं, इसलिए उन पर SEC का अधिकार बनता है। इस कारण कई प्रोजेक्ट्स पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए। लेकिन अब
एटकिंस ने घोषणा की है कि:

  • SEC अपनी परिभाषाओं को फिर से तय करेगा।
  • यह तय किया जाएगा कि कौन-से टोकन सिक्योरिटीज हैं और कौन-से नहीं।
  • क्रिप्टो स्टार्टअप्स को साफ नियमों के साथ अपने टोकन लॉन्च करने की सुविधा दी जाएगी।

2. एसेट की कस्टडी (Crypto Custody Regulations)

SEC क्रिप्टो नियम 2025 के अनुसार क्रिप्टो एसेट्स की सुरक्षित रखने की प्रक्रिया यानी कस्टडी हमेशा एक विवाद का विषय रही है। गेंसलर के दौर में 2022 में लागू SAB-121 नियम के अनुसार, जो कंपनी किसी के लिए क्रिप्टो एसेट रखती है, उसे अपनी बैलेंस शीट पर दर्ज करना पड़ता था। इससे बैंक और कस्टोडियन कंपनियाँ पीछे हटने लगीं।

पॉल एटकिंस का रुख इस पर एकदम साफ है:

  • SAB-121 को रद्द कर दिया गया है।
  • अब कंपनियों को यह तय करने की आज़ादी होगी कि वे एसेट्स की कस्टडी कैसे करें।
  • सेल्फ-कस्टडी यानी स्वयं एसेट्स को सुरक्षित रखने की प्रणाली पर भी विचार हो रहा है।
  • उनका कहना है कि SEC क्रिप्टो नियम 2025 को इस तरह अपडेट करना चाहिए कि एडवाइजर्स और फंड्स कुछ मामलों में सेल्फ-कस्टडी (स्वयं एसेट्स की देखरेख) भी कर सकें

3. ट्रेडिंग के नियम (Trading of Digital Assets)

क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा हिस्सा है इसकी ट्रेडिंग। आज की तारीख में क्रिप्टो एक्सचेंजेस को अनेक सरकारी बाधाओं का सामना करना पड़ता है, खासकर जब बात सिक्योरिटी टोकन और अन्य डिजिटल संपत्तियों की होती है।

पॉल एटकिंस? जिसने SEC क्रिप्टो नियम 2025 बनाए चाहते हैं:

  • उन्होंने कहा कि SEC को चाहिए कि वह सिर्फ सिक्योरिटीज ही नहीं, बल्कि अन्य डिजिटल एसेट्स की ट्रेडिंग को भी सरल बनाए।
  • कि broker-dealers अधिक प्रकार की क्रिप्टो संपत्तियों की सुविधा दे सकें।
  • कि Alternative Trading System (ATS) के नियमों को क्रिप्टो के अनुकूल बनाया जाए।
  • साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि SEC को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या और दिशानिर्देश या नियम बनाए जा सकते हैं ताकि क्रिप्टो टोकन को राष्ट्रीय सिक्योरिटी एक्सचेंजों में लिस्ट किया जा सके।

इसका सीधा लाभ उन निवेशकों, स्टार्टअप्स और कंपनियों को मिलेगा जो: ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं, DeFi, NFT, GameFi और Stablecoins जैसे प्रोजेक्ट्स चला रही हैं, और दुनिया भर के बाजारों में नवाचार लाना चाहती हैं।

भारत पर SEC क्रिप्टो नियम 2025 का प्रभाव

  1. भारत के स्टार्टअप्स को अमेरिका में नए मौके मिलेंगे

अब जब अमेरिका का रुख क्रिप्टो के प्रति नरम और सहयोगात्मक हो रहा है, भारतीय Web3, DeFi, NFT, और GameFi स्टार्टअप्स
के लिए वहां विस्तार करना आसान हो जाएगा। अब जब अमेरिका का रुख क्रिप्टो के प्रति नरम और सहयोगात्मक हो रहा है, भारतीय
Web3, DeFi, NFT, और GameFi स्टार्टअप्स के लिए वहां विस्तार करना आसान हो जाएगा। जो कंपनियाँ पहले दुबई या सिंगापुर
जैसे देशों की ओर झुकती थीं, अब अमेरिका को एक स्थिर और भरोसेमंद बाजार मान सकती हैं। जो कंपनियाँ पहले दुबई या सिंगापुर
जैसे देशों की ओर झुकती थीं, अब अमेरिका को एक स्थिर और भरोसेमंद बाजार मान सकती हैं।

2. भारतीय निवेशकों को ग्लोबल एक्सपोज़र मिलेगा

  • SEC क्रिप्टो नियम 2025 के प्रभाव से अमेरिका में क्रिप्टो एक्सचेंज और प्रोजेक्ट्स अधिक पारदर्शी और विनियमित होंगे, जिससे भारतीय निवेशक भी उनमें निवेश करने में अधिक सहज महसूस करेंगे।
  • Binance US, Coinbase, और अन्य अमेरिकी प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग करना आसान और सुरक्षित हो सकता है।

3. SEC क्रिप्टो नियम 2025 के प्रभाव से भारतीय सरकार पर नीति बनाने का दबाव बढ़ेगा
अमेरिका जैसे देशों के क्रिप्टो को अपनाने से भारत पर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा कि वह अपने क्रिप्टो नियमन को स्पष्ट और अनुकूल बनाए। इससे भारत सरकार को अपने क्रिप्टो नियमन और नीतियों को बेहतर और अधिक आधुनिक बनाना पड़ सकता है, ताकि वह ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप रहे।

4. Stablecoins और Digital Dollar का भारतीय रुपये पर प्रभाव
अमेरिका में Stablecoin को लेकर नीतियाँ अधिक लचीली होने से USDT, USDC जैसे डॉलर-पेग्ड टोकन की लोकप्रियता बढ़ेगी, जिसका असर भारतीय रुपये (INR) पर भी पड़ेगा। क्रिप्टो के जरिए डॉलर की मांग बढ़ने से भारतीय रुपये की स्थिति प्रभावित हो सकती है, जो भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए एक चुनौती बन सकता है।

SEC क्रिप्टो नियम 2025 के प्रभाव से क्रिप्टो निवेशकों के लिए क्या बदल जाएगा?

निवेशक वर्ग के लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि:

  • अब क्रिप्टो बाजार अधिक पारदर्शी होगा,
  • अनावश्यक मुकदमों और डर का माहौल समाप्त होगा,
  • और उन्हें यह विश्वास मिलेगा कि अमेरिकी कानून अब नवाचार के विरोध में नहीं है।

निष्कर्ष: क्रिप्टो को मिला नया आसमान

पॉल एटकिंस की नेतृत्व में SEC ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका अब क्रिप्टो इंडस्ट्री को दुश्मन नहीं, भागीदार की तरह देखेगा। उनकी तीन-स्तरीय नीति – जारीकरण, कस्टडी और ट्रेडिंग – एक ऐसा आधार बना सकती है जिससे अमेरिका वैश्विक स्तर पर डिजिटल वित्त का अगुवा बन जाए।

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