स्टेबलकॉइन बिल क्या है?
स्टेबलकॉइन बिल रिपब्लिकन सीनेटर बिल हैगर्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जो अमेरिका में पहली बार स्टेबलकॉइन के लिए एक केंद्रित नियामक ढांचा लाने की कोशिश करता है। इसके तहत:
स्टेबलकॉइन (Stablecoin) क्या है?
स्टेबलकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी होती है जो अपने नाम की तरह मूल्य में स्थिरता बनाए रखने की कोशिश करती है। इसकी कीमत को एक स्थिर संपत्ति जैसे कि डॉलर या अन्य फिएट करेंसी से जोड़ा जाता है, जिससे इसमें उतार-चढ़ाव बहुत कम देखने को मिलता है। इसका मकसद बिटकॉइन और एथेरियम जैसे अस्थिर टोकनों के मुकाबले एक स्थिर और भरोसेमंद विकल्प देना है।स्टेबलकॉइन का उपयोग तेज़, किफायती और ग्लोबल ट्रांजैक्शन के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
स्टेबलकॉइन के प्रमुख प्रकार:
- Fiat-Backed Stablecoins
ये स्टेबलकॉइन फिएट करेंसी जैसे अमेरिकी डॉलर (USD) या भारतीय रुपया (INR) द्वारा समर्थित होते हैं।
उदाहरण: USDT, USDC - Crypto-Backed Stablecoins
इनका समर्थन किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी (जैसे ETH) से किया जाता है।
उदाहरण: DAI - Algorithmic Stablecoins
ये किसी भौतिक संपत्ति से नहीं जुड़े होते, बल्कि स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए इनकी आपूर्ति को नियंत्रित किया जाता है।
उदाहरण: Frax, Ampleforth
स्टेबलकॉइन की उपयोगिता:
- डि-सेंट्रलाइज़्ड फाइनेंस (DeFi) में लेनदेन के लिए
- विदेशी पैसा भेजने (Remittance) को किफायती बनाने के लिए
- जब बाजार में अस्थिरता हो, तब निवेश को सुरक्षित रखने के लिए
संभावित जोखिम:
- यदि इनका रिज़र्व सही ढंग से न रखा गया हो तो लोगों का भरोसा डगमगा सकता है।
- नियामक संस्थाएं इन्हें अधिक नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रही हैं।
- कुछ स्टेबलकॉइन का उपयोग संदिग्ध लेंडिंग और निवेश योजनाओं में हुआ है।
GENIUS Act: स्टेबलकॉइन के लिए कानून का प्रारूप
स्टेबलकॉइन बिल रिपब्लिकन सीनेटर बिल हैगर्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जो अमेरिका में पहली बार स्टेबलकॉइन के लिए एक केंद्रित नियामक ढांचा लाने की कोशिश करता है। इसके तहत:
- स्टेबलकॉइन को 100% लिक्विड एसेट्स से समर्थित बनाना अनिवार्य किया गया है
- इन्हें लेंडिंग जैसे जोखिम भरे कार्यों में इस्तेमाल से रोका जाएगा
डेमोक्रेट नेताओं का अप्रत्याशित पलटाव
पहले जहां रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स मिलकर स्टेबलकॉइन बिल को आगे बढ़ा रहे थे, वहीं अब 9 डेमोक्रेट सीनेटरों ने समर्थन वापस ले लिया है।
इनमें एरिज़ोना के सीनेटर रुबेन गालेगो भी शामिल हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले इसे “सही दिशा में एक प्रयास” बताया था। अब वे और उनके सहयोगी बिल में मौजूद खामियों को लेकर चिंतित हैं।
उनकी प्रमुख आपत्तियाँ:
- मनी लॉन्ड्रिंग रोधी उपाय (AML) पर्याप्त नहीं हैं
- राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सख्त प्रावधानों की कमी
- विदेशी जारीकर्ताओं पर प्रभावी नियंत्रण का अभाव
- उपभोक्ता संरक्षण में महत्वपूर्ण कमियाँ
उनका कहना है कि जब तक इन सभी बिंदुओं पर संतोषजनक संशोधन नहीं किया जाता, वे “क्लोजर वोट” का समर्थन नहीं करेंगे।
ट्रंप से जुड़े प्रोजेक्ट्स और पारदर्शिता पर संदेह
डेमोक्रेट नेताओं का यह यू-टर्न ऐसे समय में आया है जब डोनाल्ड ट्रंप से संबंधित कुछ क्रिप्टो योजनाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। नेताओं को आशंका है कि इससे पारदर्शिता और हितों के टकराव जैसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
सीनेटर हैगर्टी की प्रतिक्रिया:
सीनेटर हैगर्टी ने कहा:
“हमारे पास दो विकल्प हैं — या तो साथ मिलकर शेष सुधारों पर काम करें, या यह दर्शाएं कि क्रिप्टो कानून सिर्फ एक पार्टी का एजेंडा है।”
अब क्या स्टेबलकॉइन बिल आगे बढ़ पाएगा?
GENIUS Act को सीनेट बैंकिंग समिति ने मार्च में द्विदलीय समर्थन के साथ पास किया था, जिसमें कई डेमोक्रेटिक सीनेटरों का भी साथ था। लेकिन अब उन्हीं में से कई लोगों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
इस बिल को सीनेट में पारित कराने के लिए कम से कम 7 डेमोक्रेटिक वोटों की ज़रूरत होगी, जो फिलहाल मुश्किल लग रहा है।
स्टेबलकॉइन की लगातार बढ़ती अहमियत
भले ही सुर्खियों में बिटकॉइन रहता हो, लेकिन स्टेबलकॉइन का बाज़ार अब $237 बिलियन के स्तर को पार कर गया है। यह डिजिटल वित्तीय दुनिया में इसकी बढ़ती उपयोगिता और महत्व को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर अमेरिका में अब भी राजनीतिक सहमति दूर की बात लगती है। जहां एक ओर आम नागरिकों की सुरक्षा और पारदर्शिता की मांग है, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक टकराव बिल की राह में रुकावट बन रहे हैं।
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